चांदनी रात है और तुम दूर हो,
कांपते होंठ के अनछुए साज है,
राज की बात है और तुम दूर हो|
चांदनी रात है और तुम दूर हो,
कांपते होंठ के अनछुए साज है,
राज की बात है और तुम दूर हो|
We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.