बहते पानी की तरह है फितरत-ए-इश्क
रूकता भी नहीं, थकता भी नहीं
थमता भी नहीं, और मिलता भी नहीं
मिले वफा मुहब्बत में अब वो दौर नहीं …
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अब इश्क एक खेल है और कुछ नहीं
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सांसों की माला पिरोकर रखा
हैं तेरी चाहतों के मोती
अब तो तमन्ना यही है की
बिखरू तो सिर्फ तेरे
करूं तेरा ज़िक्र या एहसास में रहने दूं !
करूं तुझे महसूस या धड़कनों में बहने दूं !!
तुझे लफ़्ज़ों में करूं बयां या इबादत में रहने दूं….!!!
तुम मेरी वो मुस्कान हो,…
जो बेवजह मेरे चेहरे पर दिखती है !!
जो बेवजह मेरे चेहरे पर दिखती है !!

मुस्कुराहट इसलिए है कि ज़िन्दगी से न हारने का वादा हैं…!!
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कुछ चीज़े हम पुरानी छोड़ आए हैं,
आते आते उसकी आँखो मे पानी छोड़ आए हैं,
ये ऐसा दर्द है जो बया हो ही नही सकता…
दिल तो साथ ले आए धड़कन छोड़ आए हैं…
……….lovely……..
आते आते उसकी आँखो मे पानी छोड़ आए हैं,
ये ऐसा दर्द है जो बया हो ही नही सकता…
दिल तो साथ ले आए धड़कन छोड़ आए हैं…
……….lovely……..
हा,तुम चाहिए थे
तुम चाहिए थे मुझे बिन शब्दों के मेरी ख़ामोशी समझ जाने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे, ख्वाबों को हक़ीक़त बनाने लिए,
हाँ तुम चाहिए थे मुझे, मुझमें टूटी बिखरी उम्मीदों को सँवारने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे खुल कर खिलखिलाने के लिए
बस सिर्फ तुम ही चाहिए थे मुझे, एक ग़ज़ल लिखने के लिए,
एक तेरी कमी से सब कुछ अधूरा रह गया
कुछ टूटी बिखरी उम्मीदों का कतरा कतरा बह गया…💓
तुम चाहिए थे मुझे बिन शब्दों के मेरी ख़ामोशी समझ जाने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे, ख्वाबों को हक़ीक़त बनाने लिए,
हाँ तुम चाहिए थे मुझे, मुझमें टूटी बिखरी उम्मीदों को सँवारने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे खुल कर खिलखिलाने के लिए
बस सिर्फ तुम ही चाहिए थे मुझे, एक ग़ज़ल लिखने के लिए,
एक तेरी कमी से सब कुछ अधूरा रह गया
कुछ टूटी बिखरी उम्मीदों का कतरा कतरा बह गया…💓
शोहरत का पैमाना सिर्फ पैसा नहीं होता है,
जो दिल पे राज करे वो भी मशहूर होता हैं !!
हमने इबादत रखा है हमारे रिश्ते का नाम…
मोहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया…!!!
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तुम्हारी याद के फूलों को हम कभी मुरझाने नहीं देंगे ,
हमने अपनी आँखें रखी है…उसको पानी देने के लिए.
दिल की धड़कनो में मोहब्बत की तरह समाए हो…!!
जब भी सांस ली हमने तुम बहुत याद आए हो…….
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टुकड़ा टुकड़ा नाम-ए-मोहब्बत, कतरा कतरा दर्द-ए-दिल..!
ज़र्रा ज़र्रा धड़कन-ए-व़फा, बूंद बूंद अश्क-ए-निगाहें
यही इश्क है, इश्क है, इश्क है..
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बनाकर रख लो मुझे कैदी अपनी चाहत का।
बिछड़कर तुमसे मुझे जीना नहीं आता |
थोड़ा तुम कहना थोड़ा हम कहेंगे,
काश!
यूं बातों बातों में
कोई फसाना बन जाए..!
कभी तुम ख्यालों में आना
कभी हम यादों मे आयेंगे,
काश!
यूं मुलाकातों में
हमदम तो साथ साथ चलते हैं
रास्ते तो बेवफा बदलते हैं
तेरा चेहरा है जब से आंखों में
मेरी आंखों से लोग जलते हैं