तेरी जुल्फों के साये में सो जायेंगे,
वहीँ से तेरे लबों का रंग चुरायेंगे,
तेरे आस पास तो रह न सके जानेमन,
सोचा की तेरे दिल में हो आशियाँ बनायेंगे|
समुन्द्र की गहराई से ज्यादा था उनसे प्यार,
खुदा की खुदाई से ज्यादा था उनपे ऐतबार,
एक रोज जो किया हमने, हमारे इश्क का इजहार,
न जाने क्यों था उनके लबों पे इंकार|